Vanguard श्रेणी की पनडुब्बियां ब्रिटिश रॉयल नेवी द्वारा संचालित परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों (SSBN) की एक श्रृंखला हैं।
+ ब्रिटेन में उस शिपयार्ड में आग लगी जहां नवीनतम परमाणु पनडुब्बियां बनाई जा रही हैं
1990 के दशक में इन्हें ब्रिटेन के परमाणु निवारण कार्यक्रम का हिस्सा बनाकर पेश किया गया था और ये अमेरिका में बने Trident II D5 बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस हैं।
Vanguard श्रेणी की पनडुब्बियों की मुख्य विशेषताएं:
प्रकार: परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBN) सेवा में शुरूआत: 1994 (HMS Vanguard के साथ श्रेणी की पहली पनडुब्बी) संचालन: परमाणु ऊर्जा, जो लंबी अवधि तक बिना उभरने संचालन को सक्षम बनाती है मुख्य हथियार: Trident II D5 बैलिस्टिक मिसाइलें, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं परमाणु निवारण क्षमता: ब्रिटेन की रक्षा रणनीति का मुख्य हिस्सा, निरंतर निवारण के सिद्धांत पर संचालित (कम से कम एक Vanguard श्रेणी की पनडुब्बी हमेशा गश्त पर होती है)
Vanguard श्रेणी की पनडुब्बियों का महत्व
ये पनडुब्बियां ब्रिटेन के परमाणु निवारण की नींव हैं, जो किसी हमले की स्थिति में दूसरा परमाणु हमले की क्षमता प्रदान करती हैं। इन्हें महीनों तक समुद्र में छुपकर संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है, और इन्हें लगभग कभी भी आसानी से नहीं पाया जा सकता है।
Dreadnought श्रेणी द्वारा प्रतिस्थापन
Vanguard श्रेणी को धीरे-धीरे नई Dreadnought श्रेणी की पनडुब्बियों से प्रतिस्थापित किया जाएगा, जो वर्तमान में निर्माणाधीन हैं। उम्मीद है कि ये नई पनडुब्बियां 2030 के दशक की शुरुआत में सेवा में आएंगी और ब्रिटेन के परमाणु कार्यक्रम को जारी रखेंगी।
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